होने को तो कुछ भी हो सकता है मगर
जो मेरे साथ हुवा उसकी उम्मीद न थी
मान चले थे जिस को हस्ती का सबब
उस खुदा ने छोड़नेकी कोई बईद ना थी
तेरे करमसे हर साँस चलती है, तू कह दे
तो यह जान क्या है आसमान भी ले आऊँ
तू ना कहता तब भी यह जान तेरी ही थी
मगर तू ऐसे पर्दा करेगा यह उम्मीद ना थी
मेरा ईमान है तू आएगा मुझसे मिलने
आखीर मैंने भी तो इश्क़ किया है तुझसे
तू न आया तो मर जाऊँगा तेरी चौखट पर
तब भी मेरी और कोई उम्मीद ना थी … और ना है !