यह दुनिया छोटी है
गोल है
सब झूठ है सब झूठ है
ऐसा ना होता
तो कभी ना कभी तो
वो डगर आती
जिसपर तुम आँखे
बिछाए खड़ी होती हो!
क्योंकी मैं तो
बड़ी देर से बस
चलता ही जा रहा हूँ
चलता ही जा रहा हूँ
यह दायरा
जो ख़त्मही नहीं होता
सब झूठ है सब झूठ है
तुम चलो जरासा
कभी तो ये दायरे
टकराएंगे एकदूसरेसे
यह दुनिया छोटी है
गोल है