रात बीत जाए
तेरी याद ना जाए
आँख भीग जाए
तू ऐसे क्यूँ सताए
इसका नाम इश्क़ है
मैं जानता हूँ
ख़ुदा से ज्यादा
तुझको मानता हूँ
सजदा करूँ तो
तू सामने आए
तू ही बता दे
ईस दर्द का क्या करूँ
एक सुरूर सा
इन आँखोंमें क्या करूँ
बिन पिएही
कोई नशा हो जाए
यह दिल तो एक
तूफ़ानमें है
तेरी ही सूरत सारे
आसमानमें है
दिल तेरी
याँदोंमें डूबा जाए