मेरी उम्रभर की तलाश थी
एक पलमें तुने मिला दिया
एक नजरमें बरसों बिछड़े
दिलसे दिलको मिला दिया
तू न जाने तूने है क्या किया
ख़्वाब जिंदगीसे मिला दिया
तुझसे जुडी हैं मेरी मंजिलें
तुझपेही ख़त्म हैं सिलसिले
ये तेरे इश्क़ की है इन्तेहा जो
खुदमे मुझको मिला दिया
पूछा करते हैं लोग अक्सर
ये चाँद क्यों मांद है आजकल ?
उनसे कहूँ क्या तेरा चेहरा
एक नया चाँद है आजकल ?
तुझसेही रौशन है ये फ़िज़ा
तेरे बिना हरपल एक सजा
तेरा जिंदगीमें आना है मौजजा
ख़ाकको खुदासे मिला दिया