इस कदर यूँ रुठा ना करो के ख़ुदासे भरोसा उठ जाए आँहे ऐसे तुम भरा ना करो के दिलके शहरही लुट जाए इस कदर यूँ .. गुस्से से ऐसे सुर्ख हो गाल और मुड़के चल देना तेरा जुल्फोंको झटका ना करो के चाँदसे चाँदनी टूट जाए इस कदर यूँ .. तेरी मस्त-निगाही से बेमौत मर…
Life's short.. Be yourself!
इस कदर यूँ रुठा ना करो के ख़ुदासे भरोसा उठ जाए आँहे ऐसे तुम भरा ना करो के दिलके शहरही लुट जाए इस कदर यूँ .. गुस्से से ऐसे सुर्ख हो गाल और मुड़के चल देना तेरा जुल्फोंको झटका ना करो के चाँदसे चाँदनी टूट जाए इस कदर यूँ .. तेरी मस्त-निगाही से बेमौत मर…