As the wind blew like a stranger I was betrayed by sleep Couldn’t keep my eyes closed The forest of thoughts was too dark too deep The night was lying on the trees dripping through branches quiet and dead It was a full moon that lost its way no signs on the meadow and the…
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इल्जाम
इन चाँद सितारोंने भी अजीब मज़ाक करना शुरू किया है | हर रोज़ मैं झाँक लेता हूँ आसमाँ को के कभी तो इनायत नसीब हो वे तो निकल पड़ते हैं अपनेही मस्ती मैं कभी इस छोर से कभी उस छोर से अपने ही धुंद मैं मस्त अब तो तकदीरें कुचलना शुरू किया है | दोस्त…