सीधी सीधीसी बात है राही
पहले जैसीही रात है राही
कितना चलेगा आखीर
रहनी परछाई साथ है राही
सीधी सीधी बात है राही ..
मुकद्दर में है तो मिलेगा
फिरदोस नहीं तो फिर
यह दुनिया ही पाक सही
बाकी तो खाली हाथ है राही
सीधी सीधीसी बात है राही ..
आँखोंमे बादलोंकी सियाही
दिल में एक धुवाँ सा
छुपाले मुस्कुराके उसको
फिरभी होनी बरसात है राही ..
सीधी सीधीसी बात है राही ..
सीधी सीधीसी बात है राही
पहले जैसीही रात है राही
कलभी ऐसीही रात थी
आजभी वैसीही रात है राही ..