जी करता है गोदमें तेरे सर रख कर सो लूँ
बरसो बादल रोका है सब आजही मैं रो लूँ
पी जो नहीं तो कैसा दरपन कैसे ये दिन रैन
तन मन पी के पैरोमें अब अतमन भी खो लूँ
जो तू मुड कर जाए सैय्याँ हाथ ना छोड़ूँ
बह जाएगी राहें सारी बरस बादल हो लूँ
Life's short.. Be yourself!