चाहे जिस नामसे पुकारा
जोगी जाने बस एक नाम
मन हो ना मैला चाहे
जग ठगता रहे सरेआम
सत्संग हो जाए जहाँ जहाँ
जो गाए प्रभुनाम दिन रैन
गंगा स्नान पुण उसे मिले
और है वही काबेका पयाम
मन हो ना मैला..
गुरु तो एक ही है
हर कोई शिष्य बनता नहीं
पहले बन चेला
ठगोंकी गुरुभी सुनता नहीं
हर घाव को समझ पूजा
हर आंसू को निपजता प्रेम
मन हो ना मैला चाहे
जग ठगता जाए सरेआम ..