जबभी हवा चले

जबभी हवा चले, तेरी औरसे
खुशबु बहके आए, बड़ी दूरसे
तेरी यादकी चाँदनीजो,
मेरी रातभी ओढ़ले
और चाँद भी मुस्कुराए बड़े प्यारसे
जबभी हवा चले ..
अब इतने दिन भी गुजर गए
इतने रुत भी बदल गए
थकती नहीं यह आँखे इंतज़ारसे
जबभी हवा चले ..
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