जाने कितना बदलना है ?

बदलके ईन नजारोंको, जाने कितना बदलना है ?
चाहे जितने बदलो, दर्याने किनारेपर रुकना है !

बदल बदल के लोगो, भूल जाओगे तुम बदलना
यह भी तो मौसम है, आखिर इसने भी थमना है !

राख कर जाएगी, यह थम जाएगी जब आँधी
भूल जाएगी यह मौत भी, के उसने भी आना है !

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