Moropant (मोरेश्वर रामजी पराडकर) was a very prominent Marathi poet of 17th century. He is considered the last pandit of Marathi poetry. He was also popularly known as Mayur Pandit. He had mastery over Arya vrutta (metre) and Pruthvi chhand. His poetry in Arya vrutta is so popular that, they are known as मोरोपंतांच्या आर्या i.e. Moropant’s Arya’s “Rathachakra Udharu De..” is one…
Author: Rohit Bapat
They Killed Avani Tigress
Three days ago I was almost ready to get into Diwali festival mode. Everything was going perfectly, sweets, friends, relatives everything. A sudden trend on twitter caught my eye. The hashtag was #Avani. At first, I thought it must be something to do with some movie actress or a brand. But, when I clicked the…
कुछ शेर
किसे पर्वाह है तेरी ऐ मजलूम ए जमाना हर कोई ख़ुदा बननेकी कश्मकशमें है _____ उठा लो कभी अपने ख़यालोंसे भी पर्दा यह ना हो के पर्दा गिरे तो तनहा हो जाओ _____ ना हुवे जख़्मको इतना भी ना सहलाओ के जब लहू बहेगा सारे जा चुके होंगे _____ तेरी ना सुनने की आदत जाती…
उठल्या लहरी काही
उठल्या लहरी काही, गेले धुवून सारे उरल्या खुणा, कधी न पुसण्याजोग्या स्वच्छ निर्मळ, पाण्यासारखा नागवा आणि व्याख्या, दृष्ट न लागण्याजोग्या त्वचेला झाकले हसून, तरी दिसतात खोल जखमा, कधी न झाकण्याजोग्या विसरलो सारे, क्षण, वाटा आणि वळणे प्रत्येक त्या जागा, निवांत बसण्याजोग्या आता विस्तीर्ण मोकळे, आभाळ एकटे हरवल्या उमेदी, पंखांत भरण्याजोग्या उरे आभासी जगातले, आभासी जगणे…
मुझे याद करना
मुझे याद करना, तूफ़ानके गुजर जाने के बाद वैसेही नहीं रहते, हालात सुधर जाने के बाद तुझे लगा होगा, के नाराज़ हो जाऊँगा तुझसे मैंने छोडी थी उम्मीद, तेरे मुकर जाने के बाद कितने बदलते हैं चेहरे, इंसान भी बदलते हैं बदलते हैं मानें, इधर से उधर जाने के बाद पर निकल आए तो, नशेमन…
Vrukshavalli Amha by Sant Tukaram- Hindi Translation
मराठी संतश्रेष्ठ तुकाराम महाराजजी के “वृक्षवल्ली आम्हा सोयरी वनचरे” इस अभंग का हिंदीमें भाषांतर/ अनुवाद। महाराष्ट्रके संतोंकी वाणी व्यापक स्तरपर पहुँचानेका मेरा एक प्रयास। वृक्ष वल्ली आम्हां सोयरीं वनचरें । पक्षी ही सुस्वरें आळविती ।। यह पेड़ लताएँ (बेल) और वनमें रहने वाले प्राणी (हमें) बहुत प्रिय हैं पंछी भी बहुत मिठे सुरोंमें कूजन कर…
Game of Response
In our day to day job, we communicate on various things. On various occasions, we try to formulate the reply. It is true that we choose certain words in certain situations. This game of response becomes trickier when someone asks our opinion. This is the point where we try our utmost to put absolutely correct…
Stagnate Disintegrate OR Grow
“You can Stagnate or Grow” a quote by Allen Page a legendary Americal Football player. I gathered this quote from a very famous Football show ‘A Football Life’. Honestly, it shuffled my thoughts. Alan was an athlete but, isn’t it true that every sport if just like life? Sometimes you win sometimes you lose. But, there…
जिम्मेदारी
मैं जानता हूँ मेरे अल्फाजके कोई मायने नहीं है बस के खुदाने शायर बना दिया है जिम्मेदारी है आफताब नहीं हूँ पर चिंगारी तो बन चुका हूँ मैं कभी जलना है तो कभी जलाना है जिम्मेदारी है हर पेड़ जानता है अपनी औक़ात ए आशियाना बस के लोग बारिशमें पनाह लेते हैं जिम्मेदारी है जहन्नुमसे…
Words Coined by Swatantryaveer Savarkar
Swatantryaveer Savarkar ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर’ born on 28 May 1883 was not only a freedom fighter but also, a visionary leader, historian, poet, writer, editor. He was very much passionate and learned about Indic languages especially Sanskrit, Marathi, Hindi etc. While promoting Hindutva his focus was to also promote Indian origin languages. He believed a language is…