Wounds are never healed The impressions though.. vanish with time I am the only one left To tell you the story.. I am a soldier of a defeated army I too tried to be with them who never made it till the dusk of life.. They fought till the last breath But I lived to…
Author: Rohit Bapat
तो जी उठे हैं
तुम्हारे लबोंसे निकले तो जी उठे हैं जैसे दिल के कागज़ पर बड़े मायूस पड़े थे छुपतेछुपाते देखा किया डरता था इस जमानेसे क़दमक़दम पर जो बड़े जासूस खड़े थे अब जो जान आइ है यह भरम ना निकले यूँ तो बदनामी के वैसे जुलूस बड़े थे बस एक फ़र्याद है के मुड़ के न…
A Crazy Girl
She was a crazy girl She said we’ll live together.. She was flying in her dreams like fallen feather.. Those eyes, for the world were dead.. And I learnt to see the world through her eyes instead! She knew the truth, still She was playing with the time She was smiling in the dark holding…
Morning ..
Morning is falling on me with so many questions It feels like rain of fire.. Alas, how much can I blame the dreams? And also the one who wished for sweet dreams !
तू क़रीब ना आए
तू क़रीब ना आए तू दूर भी ना जाए कारवाँ ए जुस्तुजूमें अब सवार जो हूँ मंज़िल ना मिले और ग़ुरूर भी ना जाए मेरे यार तेरे लिए छोड़ दी जो दुनिया तुझसे खफ़ा नहीं पर सुरूर भी ना आए गुनाह है तो बता दे सज़ा भी तो मंजूर है शहादत ना मिले और कसूर…
The Gray
Some things look different as you go closer.. Known yet unknown like the color gray.. Not allowed to sway, too much yet unclear in a way.. Life is not black n white as they all say.. Life swivels in gray.. I’m not afraid of darkness but brightness of the day The truth fades with each…
जो कही ना गई
ऐसे तो ना देखो थोड़े से जो डगमगा रहे हैं यह क्या कम है बेमानी इस दुनियामें कुछ चिराग़ जगमगा रहे हैं फ़ितरतमें नहीं जो बरबादी का बिछाएं शेराह आज़ मग़र उनके लिए नहीं अपने लिए गा रहे हैं बेनूर शेर मेरे फ़िराक़से हैं किसीके फ़िरभी हैं खड़े महफ़िल में फ़िरभी उम्मीद जगा रहे हैं…
यह दुनियाँ बड़ी झूटी है
नशें मैं हम हैं ना जगाओ नशा तो ऊनपे हैं जो ना पी है सच और झूठ इनसे ना पूछो यह दुनियाँ बड़ी झूटी है हम क़ाफ़िर है या मोमिन यह तो बस ख़ुदा के है हाथ इन गुन्हेगारोंसे अब ना पूछो यह दुनियाँ बड़ी झूटी है एक तरफ़ जमाने का डर दूसरी तरफ़ है…
कारवाँ
हम उनमेसे नहीं जो मंज़िल मिलतेही कश्ती को भूल जाए नादाँ हैं वह जो समझते हैं के कारवाँ यही पे ख़त्म होता है !
वक़्त
ए दिल कुछ तो सब्र कर सुखा पत्ता भी नहीं गिरता अपने वक़्त से पहले ! चले गए जल्दी थी जिनको खुदा भी दुवा नहीं सुनता अपने वक़्त से पहले ! पाएगा मंज़िल एक दिन राही गाएगा यही एक दिन राही रौब न कर इतना खुदपे राही आसमाँ भी नहीं झुकता अपने वक़्त से पहले…