शिक़वा

करें तो किससे शिक़वा करें हर ग़म से पर्दा उठानेका, काम गर हवा करे वह भी तो छुपाते हैं आँसुओंको हम जताभी न सकते, इसकी क्या दवा करें फ़ासलें भी बिछे हैं काँटोंसे याद आए भी तो तुम, कहो हम क्या करें

पिया बिना

पिया बिना मोहे चैन ना आवे पिया तोरी मोहे याद सतावे कैसे छुप गए मुझे छोड़ बारिशमे हम तो मर गए तेरी ही ख़्वाहिशमें पिया मोहे दूर भये और मेघा जलावे लौट के आजा बालम रहा ना जाए बिरहा का बिष मोसे सहा ना जाए कारी कारी रात पिया मोहे नींद ना आवे तुम तो…

तू भी गर नहीं

कोई फ़िरदौस नहीं गर दुनियासे रुखसत नहीं कोई दुनिया भी नहीं गर साजनको फुरसत नहीं कोई मैं भी तो नहीं गर तू नहीं तेरी आदत नहीं कोई तू भी गर नहीं तो रह क्या गया बेजानसी हवा और रेत कहीं !

तेरी याद

रात बीत जाए तेरी याद ना जाए आँख भीग जाए तू ऐसे क्यूँ सताए इसका नाम इश्क़ है मैं जानता हूँ ख़ुदा से ज्यादा तुझको मानता हूँ सजदा करूँ तो तू सामने आए तू ही बता दे ईस दर्द का क्या करूँ एक सुरूर सा इन आँखोंमें क्या करूँ बिन पिएही कोई नशा हो जाए…

Blame Me

Blame me for revolutions.. Blame me for destructions.. Blame me for suppressions.. Blame me for depressions.. Blame me for saddest times.. Blame me for the stolen dimes.. Blame me for cruel intensions.. Blame me for all executions.. Blame me for being a victim.. Blame me for broken dream.. Blame me for thousand deaths.. Blame me…

छुट गए

सफर था ऐसा सारे अपने पराये छुट गए हमसफर बनके जो चले वह साए छुट गए क्या ख़बर थी ये राहें यूँ दूर जाएँगी मंज़िल से पहले झूटी दोस्ती जताके साथ जो आये छुट गए एक शमाँ रौशन है फिर भी और सारी रात है बाक़ी सितारे आते थे कभी पर्दोंको उठाए छुट गए ईन…

ना जगाओ

मैं सोया नहीं हूँ दोस्तों ना जगाओ ख़्वाब खोल रहे हैं आँखे ना सताओ फ़ुरसत के बाद आई है शब् ए ग़म रहने दो यूँ गिरे हुवे हमें ना उठाओ परदा है तब तक महफूस हैं आँसू तजुरबा माझी बन सामने आए है किसी दिवानगी पर दिल ना लगाओ जहाँसे आए थे फिर वहीँ चले…

महफ़िल

बरबाद हो रहा है कोई कोई ग़म भुला रहा है ऐसा ही होता है दोस्तों ऐसा ही होता है भरी महफ़िलमे जब कोई रोता है शायर का घुट रहा है दम कोई जख़्म भुला रहा है आज मैं हूँ नज़ारा कल कोई और खड़ा था होके बेबस ईसी गलियोंमे पड़ा था गिरना था मुक़द्दर हाथ…