राही हूँ Posted on October 8, 2014May 4, 2017 By Rohit BapatPosted in Hindi/Urdu Poetry, Literature, Poetry राही हूँ चल रहा हूँ जिंदगी सवालोंके मोड़ ला रही है रुकके एक पल मुड़ रहा हूँ Spread the love