पिछले कुछ सालोंसे हाथ मैं डफ़ली लेकर ख़ुदको ग़रीबोंका मसीहा बताने वाले लोगोंका बड़ा जथ्था सड़कोंपर दिखाई देने लगा है। यह सालोसाल छात्र बने रहते हैं, नागरिकोंके टैक्स पर नागरिकोंको भड़काते हैं। इन्हे ना हिन्दू से प्यार है ना हिंदुस्तान से लगाव। अपने मिथ्या स्वार्थ के लिए गरीबी को इस्तेमाल करते हैं , गुंडागर्दी करते हैं। बाहरसे ख़ुदको कम्युनिस्ट, वामपंथी और पुरोगामी बताते हैं, सेक्युलर बताते हैं पर नारे तो सेक्युलर नहीं देते। मेरा तर्क यह है के भारत देश को बरगलाने का काम इन लोगोंने किया है। मेरी नजर से इनकी सच्चाई मेरे प्यारे देशवासियों को सुनाना चाहता हूँ।
सुनो सुनो रे देशवासियों
ध्यान से मेरी बात सुनो ,
पुराने कपडे नए कराकर
डफ़लीवाला आया है।
शिक्षा के प्रांगण में बैठा
गुंडोंका अब मेला है,
अभिनेताओं नेताओंके
स्वार्थी भीड़ का रेला है,
ज्ञान, परीक्षा छोड़कर खुदकी
हमें पढ़ाने आया है।
छात्रवेष में नेता बनकर,
डफ़लीवाला आया है।
गीदड़ भी अब सभ्य लगे जो ,
मरे मांस को खाता है।
यह तो कबूतर उडा उडाकर ,
दंगे को भड़काता है।
शांतिदूत का झाँसा देकर ,
गदर मचाने आया है।
मन में पाप ले मुँह को ढँककर ,
डफ़लीवाला आया है।
अपमान हिन्द का करता है ,
अपमान राम का करता है।
स्वतंत्रता के कुटिल वेदी से ,
अपमान राष्ट्र का करता है।
आजादी का नारा देकर ,
शत्रु सबल कर आया है।
गद्दारी अधिकार समझकर ,
डफ़लीवाला आया है।
सेना जब पराक्रम कर दे ,
दर्द से यह करहाता है।
अफजल हम शर्मिंदा कहके ,
आतंक को सरहाता है।
हिन्दुस्थान के टुकड़े कर दो ,
नारा लेकर आया है।
राष्ट्र विरोधी भाषण देता ,
डफ़लीवाला आया है।
यह डफ़लीवाला देखो देखो ,
सचमें कैसे दिखता है।
दिनमें मसीहा बनता है ,
और रात में चोरी करता है।
मिथ्या तथ्य इतिहास सुना के ,
सबको बरगलाया है।
खुदमे बसा शैतान छुपाकर ,
डफ़लीवाला आया है।
खुद को कहता नास्तिक है ,
पर विशिष्ट धर्म का चेला है।
अपने धर्म पर लज्जित हो हम ,
यह सब उसका खेला है।
बचपनसे मष्तिष्क बिगाड़े ,
प्रबन्ध यह कर आया है।
जाती पंथ में युद्ध कराने ,
डफ़लीवाला आया है।
सतर्क रहना देशवासियों ,
सुर्ख रंग के परचम से।
बचके रहना इनके झूठे ,
वाम मार्ग के मातम से।
मानवता की आड़ में छुपकर ,
अराजक करने आया है।
कॉमरेड का झोला लेकर ,
डफ़लीवाला आया है।
पूछो उसको सीमापर जब ,
सैनिक खून बहाता है।
किसका साथ यह देता है और ,
किसको भाई बताता है ?
अब भी विदेशी आकाओंसे ,
ऑर्डर लेकर आया है।
देश का नाम बदनाम कराने ,
डफ़लीवाला आया है।
सतर्क रहना देशवासियों ,
सचेत रहना देशवासियों।
देश के इन गद्दारोंको ,
पहचानते रहना देशवासियों।
तुमको मुझसे मुझको तुमसे ,
सिर्फ लड़ाने आया है।
भारतमाँ के टुकड़े करने ,
डफ़लीवाला आया है।
सुनो सुनो रे देशवासियों ,
ध्यान से मेरी बात सुनो।
हमारी राष्ट्र पहचान मिटाने ,
डफ़लीवाला आया है।
– रोहित बापट –
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