वह बेवकुफ़ियाँ ही हैं
जिन्होंने जीना सिखाया
वरना सही करते करते
कब के बिगड़ जाते हम
धुपमें सुलगते हुवे
सीखा ख़्वाबोंको सींचना
वरना बारिश याद करते
कब के उजड़ जाते हम
मेरा होनाही है सबूत
मेरे होने का दोस्तों
गर दुनिया की सुनते तो
खुद से बिछड़ जाते हम