तो क्या हुवा?

आज हूँ पैरोतले तो क्या हुवा ?
आज हैं आँसू जले तो क्या हुवा ?
अकेला मैं नहीं
मेरी तनहाई मेरे साथ है
किसी एक तारे के
बस टूटने की बात है
आसमाँसे
आज हैं फासले तो क्या हुवा ?

आज हैं मसले तो क्या हुवा ?
थोड़े थोड़े फिसले तो क्या हुवा ?
रास्तोंके कदम आज
गर्दिश मैं है सही
डगमगाती परछाईयाँ
पर मंजिले हैं वही
सवालोंके
आज हैं सिलसिले तो क्या हुवा ?

दरवाजोंपर हैं ताले तो क्या हुवा ?
कई हैं आज दिलजले तो क्या हुवा ?
चुप हूँ अभी पर
सिमटा नहीं हूँ मैं
जख्म हैं मुझे फिर भी
मिटा नहीं हूँ मैं
चलता रहूंगा मैं … गाता रहूंगा मैं
गैरों के हैं काफिले तो क्या हुवा ?
आज हूँ पैरोतले तो क्या हुवा ?

Rolla, MO (US)

Disclaimer & Policy

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *