तेरी याद आई
तो दीवारें तंगसी हो गयी
खिड़कीमें आया तो
ख़ुदसे कुछ कहने लगा
तो दूरसे किसीके
रोने की आवाज़ आई
मैं हैरान… देखने लगा
निचे उतरा
एक शख़्स सामने आया
कुछ दीवाना सा, आँखे नम थी
कहने लगा मैंने किसीको
रोते हुवे सुना ..
मगर यह शहर तो
कब का वीराँ हो चुका है .. !?
तुम्हे देखा तो समझ आया
कोई और तनहा गया है !